क्या शिकायत करूं गैरों से।
यहां तो अपने ही कम नहीं।
हंसकर काटता हूं हर एक दिन।
लोग सोचते हैं इसे कोई ग़म नहीं।
KYA SHIKAYAT KRU GAIRON SE.
YHAN TO APNE HI KM NHI
HANSKAR KAT TA HU HR DIN..
LOG SOCHTE H ISSE KOI GUM NHI
ग़म हमे भी बहुत हैं।
बस किसिको बताते नहीं।
शोंक हमारे भी बहुत है।
पर अपने मा बाप को सताते नहीं।
GUM HUME BHI BAHOOT HAI.
BS KISIKO BATATE NI.
SHONK HUMARE BHI BHUT HAI
PR APNE MA BAAP KO SATATE NHI
कहा था।
कहा था ना मैने।
ये दुनिया बहुत रूलाती है।
करने पर ज्यादा फिकर उनकी।।
हमे ही पागल बताती है।
KHA THA..
KHA THA NA MAINE...
YE DUNIYA BHUTT RULATI HAI.
KRNE PAR JYADA FIKAR UNKI..
HUME HI PAGAL BTATI HAI.
किसको किसकी फिकर है।
यहां तो सब व्यस्त हैं।
कोई किसी के छोड़ जाने के दुख में।
तो कोई किसी के प्यार में मस्त है....
KISKO KISKI FIKAR HAI..
YHAN TO SBB VYAST HAIN...
KOI KISSI KE CHOOR JANE K DUKH ME..
TO KOI KISSI KE PYAAR ME VYAST HAI....
तोड़ेंगे गुरूर कइयों के।
अभी ज़िंदगी की मरम्मत जारी है।
खड़ता साथ नहीं कोई मेरे।
कहने को साथ दुनिया सारी है।
TODENGE GUROOR KYION KE.
ABHI ZINDGI KI MARAMMAT JAARI HAI.
KHARTA SATH NHI KOI MERE
KEHNE KO SATH DUNIYA SARRI HAI.













